श्याम सरन नेगी का निधन: देश के पहले वोट की कहानी…पहले वोटर की जुबानी

 आजाद भारत के पहले वोटर का श्याम सरन नेगी ने एक ऑडियो इंटरव्यू में आजादी के पहले और बाद के बहुत सारे रोचक किस्से सुनाए. शुक्रवार देर रात उनका देहांत हो गया. पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन हो गया है.
मेरा जन्म 1917 को हुआ था. तब भारत पर अंग्रेजों का अधिकार हुआ करता था. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उसके बाद संविधान बना और 1952 में पहली बार वोटिंग हुई. कानून बनाने वालों ने जब देखा कि भारत में एक साथ, एक ही समय में चुनाव कराना संभव नहीं है तो यहां पर (हिमाचल प्रदेश में) छह महीने पहले ही चुनाव करा दिए गए. क्योंकि यहां पर भयंकर बर्फबारी होती है इसलिए उस वक्त चुनाव संभव नहीं था. उन दिनों मैं मुरुंग टोली पर था. चुनावों में मेरी ड्यूटी लगी थी. तब मैंने इलेक्शन ऑफिसर से कहा कि लोगों को कहो वोट डालें. तब मैंने सबसे पहले वोट डाला….आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का आज देहांत हो गया. उनकी उम्र 106 साल की थी. तकरीबन तीन साल पहले का उनका एक ऑडियो इंटरव्यू हमारे पास था. उन्होंने आजादी से पहले और बाद की जो दास्तां सुनाई मानों वो ऐसी लग रही थी कि जैसे कोई परदादा बरगद का छांव में आपको अतीत की कहानियां सुना रहा हो. उन्होंने 25 अक्टूबर 1951 के आम चुनावों में अपना पहला वोट डाला था.


उन्होंने कहा कि 1947 में सब बहुत खुश थे. हम आजाद हो गए थे. आजाद फिजाओं में सांस ले रहे थे. मुझे विश्वास था कि समय के साथ देश के ऊपर गरीबी, अशिक्षा ये सब समस्याएं भी दूर हो जाएंगीं. जब चुनाव की बारी आई तो एक इलेक्शन ऑफिसर बोला कि अरे कौन सा 100 परसेंट वोटिंग हो जाएगी, 30 या 40 परसेंट वोटिंग हो जाए तो बड़ी बात है. तब मैंने उनसे बोला कि कोई आए या न आए लेकिन ये मेरा कर्तव्य है कि मैं वोट डालूंगा. अगली शाम मैं घर गया और फिर सुबह 6 बजे ही वोटिंग सेंटर पर पहुंच गया. कोई आया नहीं नहीं था. मैं बैठा रहा फिर जैसे ही अधिकारी आए तो मैंने उनसे बोला कि मैं ड्यूटी वाला आदमी हूं. अभी पैदल-पैदल बहुत दूर तक जाना है. मुझे पहले ही फारिक (फ्री) कर दो. तब अधिकारियों ने रजिस्टर खोलकर नाम मिलान किया और पर्ची दी.



 ‘तीन-चार चुनावों बाद पता चला की मैं पहला वोटर हूं’

नेगी बताते हैं, ‘तकरीबन तीन या चुनाव बीत चुके थे. उसके बाद जब मैं वोट डालने पहुंचा तो अधिकारियों ने कहा कि आपने पहली बार वोटिंग कहां की थी. आपकी उम्र क्या है? उन्होंने तमाम सवाल पूछे और इसके बाद उन्होंने बताया कि मैं आजाद भारत का पहला वोटर हूं. मैंने आज तक कोई भी चुनाव नहीं छोड़ा. हमेशा हर चुनावों में वोट डाला है. चाहे विधानसभा का बोलो चाहे लोकसभा या फिर निकाय चुनाव. हर चुनाव में वोट डाला है. फर्स्ट वोटर का कोई मतलब नहीं है. हमारे दिल में उमंग पैदा हो गई बस और कुछ नहीं था. कौन सा यहां लड्डू दे रहे हैं हमको.


शुक्रवार देर रात निधन

आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी ने अपना पहला वोट 1951, 25 अक्टूबर को डाला था. शुक्रवार देर रात लगभग 2 बजे निधन हो गया. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर निवासी नेगी 106 साल के थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 2 नवंबर को आखिरी मतदान अपने घर से ही किया था. वोट डालने के बाद श्याम सरन ने कहा था कि मतदान लोकतंत्र का महापर्व होता है. हम सभी को मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी देश के सबसे उम्रदराज मतदाता नेगी की तारीफ करते हुए कहा था कि इससे नई पीढ़ी के लोग मतदान के लिए प्रेरित होंगे. वहीं श्याम सरन नेगी के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है.


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