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Image Credit Source: PTI File |
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कहा गया है कि पिछली जंग या युद्ध पर नजर डालें तो इनके लिए वैगनर ग्रुप सैनिकों या नागरिकों की भर्ती के लिए उच्च स्तर के मानकों का इस्तेमाल करता था. इस ग्रुप के कई ऑपरेटर्स पहले प्रोफेशनल तौर पर सैनिकों के रूप में काम चुके हैं. लेकिन अब उच्च मानकों को हटाकर बीमारियों से जूझ रहे कैदियों की भर्ती युद्ध के लिए करने के पीछे का मकसद सिर्फ सैनिकों की संख्या बढ़ाना है. ऐसे में अनुभव को भी अनदेखा किया जा रहा है. क्योंकि इन लोगों के पास युद्ध में लड़ने का कोई अनुभव नहीं है
100 से अधिक कैदियों को युद्ध में उतारा
जानकारी के अनुसार 100 से अधिक कैदियों के हाथों में खास कलर के रिबन बांधे गए हैं और उन्हें युद्ध में उतार दिया गया है. ये कलर वाले रिबन उनकी बीमारियों को दर्शाते हैं. यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के अनुसार रूस के इस कदम से अन्य सैनिकों में नाराजगी उत्पन्न होने की आशंका है. इसका असर युद्ध पर पड़ सकता है. इस बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने काला सागर में उसके फ्लीट पर हमला किया है. उसने यह हमला शनिवार को 16 ड्रोन की मदद से किया है.
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अनाज सौदे को निलंबित किया
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से यूक्रेन के अनाज का निर्यात करने के समझौते को रूस द्वारा निलंबित करने से वैश्विक भुखमरी बढ़ेगी. डेलवेयर के विल्मिंगटन में बाइडन ने कहा, यह वाकई अपमानजनक है. वे क्या कर रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है.रूस ने घोषणा की थी कि वह समझौते के क्रियान्वयन को तत्काल रोक देगा. उसने आरोप लगाया कि यूक्रेन ने शनिवार को रूस के काला सागर बेड़े के जहाजों पर ड्रोन से हमला किया था. इस समझौते की वजह से 397 जहाजों के जरिये यूक्रेन से 90 लाख टन से अधिक अनाज का निर्यात हुआ था और वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में कमी आई थी. इसका नवीनीकरण नवंबर में होना था. (इनपुट एजेंसी से भी)
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